Bali phlwan

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नारी शक्ति





*8368323740*  *बाली पहलवान*

                *नारी शक्ति*
                    
नारी हैं माँ दुर्गा लक्ष्मी शारदा ,
सूर्पणखा भी तो एक नारी थी ।
अपनी कर्म से निज नाक कटा ,
लंका की ही वह महामारी थी ।।
माँ सीता तो थीं सबकी प्यारी ,
मंथरा पड़ी सब पर ही भारी थी ।
महतारी थीं कौशल्या सुमित्रा ,
कैकेयी भी तो एक महतारी थी ।।
पुत्र मोह में आकर माँ कैकेयी ,
अपने ही पति की वह हत्यारी थी।
मंथरा के चक्कर में ही पड़कर ,
लोक संस्कृति को वह हारी थी ।।
सीता उर्मिला मांडवी श्रुति कीर्ति ,
आदर्श भावज भावे बेटी बहू थीं।
मात पिता से मिला सुंदर संस्कृति,
सुसंस्कृति में पलनेवाली लहू थीं।।
केवल एक कैकेयी जीवन ने ही ,
सात नारी जीवन को व्यर्थ किया ।
स्वयं तो बनाई नर्क जीवन अपनी,
शेष छः के साथ भी अनर्थ किया।।
सूर्पणखा सुंदर लाजकुमार देख ,
शादी की मंशा लेकर सामने आई।
भाई रावण बल का खौफ दिखा ,
अपनी नाक वह स्वयं कटवाई ।।
खबर मिली जब रावण को तब ,
क्रोध में पागल हो वह बौखलाया।
आदर्श नारी माँ सीता को हरकर ,
लंका के अशोकवाटिका बैठाया।।
एक नारी बनी कुल की नाशक ,
दूसरी राज्य विध्वंसक हार बनी ।
दो नारियों के कारण ही देख लो ,
अनेक नारी जीवन भी भार बनी।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना ।

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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

13-Mar-2022 06:05 PM

बहुत खूबसूरत

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Gunjan Kamal

12-Mar-2022 06:39 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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